1. हम चले तो दो कदम रब की और...?
वो हजार कदम बडेंगे हम सब की और
2.भई एक जगह ठहर...
तो कोई बात बनेबिखरे मन का इंसान,
इंसान होता कहा है
3.वो मर गया क्या तुमको ज्ञात है
जिसे सब इंसान कहते थैउसको तो मरना ही था
पहले विश्वास कर मरा
फिर अविश्वास ले डूबा
बच जाता ग़र कोशिश करता
पर उसका अहंकार
उसे ले डूबा
4.हरिहर विश्वास हो अच्छा है
पर विश्वास मे विष का वास न होअन्यथा फिर से भटकन और घुटन शुरू हो जायेगी
5.भगवान तो है सच,पर विश्वास नही है...?
6.भोजन शरीर के लिये
भजन आत्मा के लियेदोनों रोज़ जरूरी है
7.कौन कहता है आत्मा नही मरती
जिनकी इंसानियत मर जाती हैउनकी आत्मा मरी है
8.प्रेम की परीक्षा जगत की माँग है
ईश्वर के ह्रदय मे प्रेम ही प्रेम है
9.हम तुम्हे कितना प्रेम करते है
हरिहर मुझसे न पूछो,ग़र जानना है तो
हमारे आँसुओं को जानो
रूकते नही आखों मे
तेरा नाम लब पर आते आते
10.हम अच्छे और सच्चै है
तो सब अच्छे और सच्चे हैसब हरि का है उन्ही पर छोड़ दो
11.सत्य है जीवन जीना सहज नही है
यहाँ पर हम रोज़ रोज़ मरते हैपर जिसके कारण मरते है
वह मन
फिर भी काबू मे नही आता
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