हिंदुत्व के लिये भी सोचे....
कया रखा है मतभेद बढाने मे...
सदियो से आपस मे लड़ रहे है...
कुयू लगे हो धर्म का नाश करवाने
जी रहेंहै डर डर के...
कया रखा है डर के मर जाने मे...
कया सच मे हो कायर...?
या मजा आता है काफिर कहलाने में...
हिंदुत्व के लिये भी सोचे....
कया रखा है मतभेद बढाने मे...
समय अभी भी है ..समझने और समझाने
वरना कम ही समय रह जाएगा
अल्पसंख्यक हो जाने में
अपने ही देश मे अल्पसंख्यक कहलाओगे
छोड गंगा सनान...कया हज को जाओ गे
कया रखा है मतभेद बढाने मे...
सदियो से आपस मे लड़ रहे है...
कुयू लगे हो धर्म का नाश करवाने
जी रहेंहै डर डर के...
कया रखा है डर के मर जाने मे...
कया सच मे हो कायर...?
या मजा आता है काफिर कहलाने में...
हिंदुत्व के लिये भी सोचे....
कया रखा है मतभेद बढाने मे...
समय अभी भी है ..समझने और समझाने
वरना कम ही समय रह जाएगा
अल्पसंख्यक हो जाने में
अपने ही देश मे अल्पसंख्यक कहलाओगे
छोड गंगा सनान...कया हज को जाओ गे