Saturday, 15 March 2014

गीता सार - सरल जीव उपयोगी उपदेश:-9


1.सच की एक छोटी सी चिंगारी झूठ के बडे से बडे पहाड को नष्ट कर देती हैं ।

2.पहचान तो सही...मैं कौन हूँ..मैं तेरा एहसास हूँ.
कर उपयोग:हरिहर: मैं..जन्म से तेरे पास

3.भगवान का भोग...भजन है।
भगवान का प्रेम..भक्त का भाव है

4.हरिहर भुखे को भजन, भरे का खाना ।
निशचयत है दोनो का व्यर्थ हो जाना

5.हरिहर भाव भाव में भावना,और भावना में भाव है। 
भावना से सम्भावना,भाव बिना सम्भावना भी बेकार है॥

6.हरिहर,.......... प्रेम तपस्या है
किंतु प्रेम में मोह तथा मांग न हो

7.हरिहर,...........एक पाप,
सौ सांपो से भी जहरीला है

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