1. गऱ रोने से तकलीफें कम हुआ करती...
तो हरिहर कौन मानता तेरी खुदाई को
2.थाम ले मुझको....अपने दामन में...बरस जाऊ..
हरिहर बनकर मोती..किसी गरीब के आंगन में
3.मेरी औकात...कतरा है वो भी...जो तू माने तो..
वरना फनां होने मे हरिहर मेरे पल ही कांफी है
वरना फनां होने मे हरिहर मेरे पल ही कांफी है
4.हरिहर.................यदि प्रभु मिलन की चाह मन में है
तो आपको अपनी बाकि सभी चाह का अंत करना होगा
तो आपको अपनी बाकि सभी चाह का अंत करना होगा
5.कर्ज दुखो का विशाल बोझ है..
जो पहले नारियल के अंदर की तरह,
कोमल और फिर बाहर की तरह कठोरहोता है..
लो (चखो )तो मजा ...
फिर सजा......
जो पहले नारियल के अंदर की तरह,
कोमल और फिर बाहर की तरह कठोरहोता है..
लो (चखो )तो मजा ...
फिर सजा......
6.तेरी हरकतो पर मेरी नजर है..
किसी को हो नहो मुझे सब खबरहै
किसी को हो नहो मुझे सब खबरहै
7.हम सभी माताओ को चरण छुकर प्रणाम करते है
पर गंगा एक मात्र वह मॅा है चरण छुकर आर्शीवाददेती है
पर गंगा एक मात्र वह मॅा है चरण छुकर आर्शीवाददेती है
8.जिसकी की अभिलाषा की सीमा नहीहै। वही संसार के बड़े भिखारी है
हरिहर....... जिसने अभिलाषाओ पर अकुश लगा लिया वही संत है
No comments:
Post a Comment