1. सवेरे सवेरे बैठते है तुम घेरे...
ये भिखारी सारे...?
शायद तुम पर विश्वास नही..
या तुम उनके पास नही....
अब हम को तेरी जरूरत नही..
कयुकि जान गये हम..
फकत हम पागलो के बिना...
तेरा भी कहा गुज़र है
2. चाह की चाहत ने चाहना सीखा दिया,...
चाहा इस कदऱ,..तेरी चाहत ने.....दो थे दोनो को एक बना दिया....
3. चाह न होती ग़र...,
तो तू भी मुरीद न होता.
4. खोदते है गढे रोज हम,..
हरिहर दबाने अरमानो को...पर कया करे आंसू तेेरे...
अरमानो के पेड़ उगाने लगे है....
5. बदल देते दुनिया सारी..
पर समय ही ना मिला.(ये आज़ के इंसान की सोच है)
6. तेरे लिए जान भी हाजीर है......?
पर कया करे समय का अभाव है..(ये आज़ के इंसान की सोच है)
7. चल चले जहाँ,प्रेम का संसार हो..
घर घर में मेरे कृष्ण अवतार हो...पर हरिहर कोई कंस, न .....
भूल से भी इस पार हो
8. शब्द ताकत है तलवार है...
सबसे खतरनाक हथियार हैमाना तो भगवान है
माना तो शैतान है
9.दर,और दर्द का रिश्ता पुराना है
दर्द के बिना दर नही मिलता...और दर मिलकर दर्द नही जाता
10.बहुत दिन हो गये, तेरी राह़ पर चलते चलते..
ऐ मेरे अजीज़ अब तो दो कदम तू भी बडा ले..
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