1. बंधुवर मैने कब कहा मै कुछ सिखाने आया हुँ...
दुनिया एक अजूबा है देखने और दिखाने आया हुँ....
2. कुुछ सड़ने की बदबू आ रही है....
मित्र कुछ करो तेरा पता बता रही हैै अजीब है हम मेरी हाट हैै कुुछ आली,
गर तुझेे पसंद न आए तो.
इस बाजाऱ में और भी दुकाने है चमक वाली.....
3. मेरा कोई शत्रुु नही,.मैं सब को गले लगाता हुँ
दो कदम तुम बडाओ,आठ कदम मेंं बडाता हुँ
4. तुुझे और मुझे वो काफीर,बुतपरसत कहते है
लखतेजीगर ऐ रब केे,येे बता इन पत्थरो मेें कौन रहते है.
5. चल भाग जीतना भाग सकें ....
देखे तेरी सांसों मे कितना दम है.......गति तो हरिहर जीवन का नियम है.
मृत जन भागे कहा उसमें दम है.....
6.मुक्त होना सहज हो या कठिन..
मै इस झमेले में नही पढना चाहता....मुझे हरि हरि करने और करवाने दो,...
7.यात्रा शरीर की शुरुआत है..आ कुछ सीख ले........
तुम मुझसे कुछ सीखो ..कुछ हम तुम सेे .सीख ले....
8. मै हरिहर सीधा पर गधा...
पर खुश,कुयु मुुझे हाँके हरि..
9. माना हरिहर धट में तेरे मल है..
पर धट में ही हर परेशानी का हल है
10.कया खोया है..जिसे ढुंढते हो...
हाँ ढुंढता हुँ मैं खुद में खुदा को...
No comments:
Post a Comment