1.न फसाँ भीड़ मे हमे
रहने दे,प्रभु
दम घूँटता है
जानता है मन
तन्हाइयो मे रब मिलता है
2. मै नही कल की चिंता करता,..
कुयू कल देखा है किसी ने...?सांस का नाम आज है
सांस गई काल आया कल गया
3.यु तो रब ने दी है सांसे किमती,..
मेरी सादगी फकीरी की देन है,.
4.आत्मा ही परमात्मा ..
देह में वो समाये ..फिर भी इंसान से इंसान
कुयूकर हरिहर बैर कमाये
5.मृग त्रिष्णा मानव बीच समाये
झूठे सच्चे सपने देखता जाये
6. जो दुसरो के अन्धेरे मिटातै है
राम उन्हे ही नजर आते हैं
7.सुख की चाह ही दुःख का कारण है
मोह का त्याग दुःख का निवारण है
8. ईशवर कहा नही,जहाँ भाव नही
9.क्रोध और बुद्धि कभी एक साथ नहीँ रहते
10.राम रोम मे
कृष्ण करुणा मेहरि,हर मे
शिव श्वांस मे
ये ही विश्वास है
ये ही भाव है
वहीँ सब मे
11.निजी माँग चाहे वह् क़ैसी भी हो
भौतिक या आधात्मिक वह् सुख है वही मोह है
माँग का मिटना मोक्ष है
वही देह और आत्मा का कर्म
12.घबराये नही, जब लोग तुम पर हँस
घबराये नही जब लोगतुम पर उंगलियां उठाये
हाँ जाँच अवश्य करना
मन के दर्पण।मे
क्योक़ि तुममे क्षमता है
समाज को कुछ नया
सिखाने की
13.अक्षर अणु है
शब्द परमाणु का समुहजो निर्माण और निर्वाण
दोनों कर सकता है
जो कहो सोच कर कहो
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