1.चोरी का धन मोरी में जाता है,..?
मित्र धन यही रह जाता है
मानव (हांडी) मोरी मे जाता है
2.कुछ अनसुने
अनसुलझे रहस्य हैइस संसार के,
संसार मे
कुछ भीतर के,
कुछ बाहर के
कौन आरम्भ है
कहा अन्त,अनन्त
कुयू कर भेद,..
तन का मन का,..
और जतन का
सुई पर हाथी,.
प्रजनन बिन साथी
जनम मरन,..
बचचे कुयू माँ ,..
वो होकर खाती
हम नवाब कया,..
जो है अकेले,.
या दूर भी है ..
तुम से मेले..
कौन आता,.
.फिर वो ..
कहा है जाता.
कौन बिन तार,..
गोल घुमाता,...
3. कुयू सिमट रह जाते है
लोग तंग आशियानें मेक्या मज़ा आता है...?
यू दब के मर जाने में....
तन मरा मन मरा...
मुरझाये मुरझाये से लोग..
गैरें की कहा चिंता..
अपनी ही गैरत कीलाश..
उठाये जाते है लोग...
4. कहा हम दर्द से डरते थे
तुम्हें मिलने से पहलैहज़ार बार सोचैगै
हरिहर मरने से पहले
5.अच्छे दिन जरूर आयेगे
जब हम मानवता निभायेगेये कोई राजनीति का खैल नही
हरिहर ये प्रेम आनन्द मार्ग है
कपटी रंग का कोई मेल नही
6. तन क़ी भठी पर
मन की अग्नि सेजो ओज़ पकती है
उसका सार सुख है
सड़न भार दुःख है
सुख से दुआ निकलती है
दुःख से बददुआ निकलती है
7.हार दुःख की वजह हो सकती है
पर दुःख को हार की वजह मत होने दो
8.हमने जीवन मे कुछ नही पाया
यही जीवन क़ी सबसे बड़ी हार हैऔर जीवन का सबसे बड़ा झूठ है
9.सरल जीवन ही साधना है
साधना मे विश्वास जागर्ति हैअन्हद मे जाग्रति महायोग है
महायोग ही महा आनन्द है
10.सून ऐ हरिहर मुढमते,..
कर हर जीव कौ सम्मान,........कण कण हरि आप बसै,..
हर शैह़ में भगवान....
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