1.इक राम हैै जिसे नही आराम हैै
करते सब केे काम है इसी लियेे वो राम है
सबको हमारी...राम राम है..................
2. हरि केे हज़ार रंंग हैै,हज़ारो रंगो सेे करोडो रंंग बनाते है
काला गोरा,अमीर गरीब,पर मन को कोरा ही बनाते है
काला गोरा,अमीर गरीब,पर मन को कोरा ही बनाते है
3. झुठ का कोई रंग नही होता..
इसी लिये झुठो की जिंदगी बेेरंग होती हैै
4.दिल के है हम अमीर, पैसे का क्या करना...
कितना भी हो पैसा...,है फटे हाल ही मरना
कितना भी हो पैसा...,है फटे हाल ही मरना
5. हम इक प्यासी चिडि़या...
तरसे हरि नाम को ...,
जाने कब मिलेगा...
हरि हरिहर इस जाऩ़ को
तरसे हरि नाम को ...,
जाने कब मिलेगा...
हरि हरिहर इस जाऩ़ को
6. राम हरि का नाम ,दे मुक्ति का धाम,
सब को हरिहर की राम-राम
सब को हरिहर की राम-राम
7. ठंड रख,हर जवाब मिलेगा...
तेरे हर कर्मो हिसाब मिलेगा...
खोदे है जो तु ने गडड़े ,
मिटने वालो की हाय..
का परिणाम मिलेगा
तेरे हर कर्मो हिसाब मिलेगा...
खोदे है जो तु ने गडड़े ,
मिटने वालो की हाय..
का परिणाम मिलेगा
8. हरि बिनु चैन नाही,मनवा रहे बैचन..
हल्दी गाँठ सी दी उमरिया कहा फिर मिलें चैन
9. हरि का भेद बताये कया ये औकात हमारी है........?
बस हरिहर इतना जानत,येे सब माया तुमहारी है
बस हरिहर इतना जानत,येे सब माया तुमहारी है
10. माँ ...गंगोत्री मंदिर के पट खुले...
हजारो नर नरक करने वहां चले
हजारो नर नरक करने वहां चले
11. हम फकीर खाली झोली के...साध,स्वामी लगाते भी घबराते है
पर जाने कैसे वो रहकर संसार में .........../
महायोगी महातपस्वी,महाऋषि,ब्रहमऋषि हो जाते है
12.
पर जाने कैसे वो रहकर संसार में .........../
महायोगी महातपस्वी,महाऋषि,ब्रहमऋषि हो जाते है
12.
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