Thursday, 15 May 2014

गीता सार - सरल जीव उपयोगी उपदेश:-20



1.जागते है रात भर,..हरिहर..उल्लूओ की तरह...
दिन में इतिहास बदलने की बात करते है हम

2. मदद तेरी रब करेगा,...
नेक इरादा जब करेगा

3. हरिहर..तीर तरकस में रखने का,कया सबब होगा..
असर होगा असर होगा,तू बस कमान को कसकर रख..

4. हरिहर कैसे कैसे रंग बदलते है लोग....
और भला बुरा गरीब गिरगिट को कहते है

5. तू थाली का बैंगन,या लटू इस संसार का...
हरिहर प्रेम है प्रतिज्ञा ,काम नही अधिकार का...

6. बिरला कोई संसार में जो मन की न मानें
,डुबे वही मझधार में जो दे तन को तानें

7. मार गोली हरिहर कया रोता है...
बिना हरि के कया कुछ होता है..?

8. ढंग से देख हरिहर अपनी औकात को..
शक्ल,अक्ल भिखारी जैसी,....
मांग ता हरि नामी आकाश को....


9.हम करूणा की बुंद मात्र...तुम करूणा के सागर....
कृपा करो प्रभु.., बुंद बन जाए सागर तुममे आकर

10. हुत प्यार करते हैं तुम से,
पर बहुत डरते हैं तुम से,
कही प्यार को कुछ और न समझले ये जमाना...
तो कया गलत समझता है जमाना...?
कहाँ इंसान की फितरत,वो ..
रश्मि में टाट का पेबंद लगाता है...
हरिहर ये हरि की ही फितरत,
जाने कया कया कर जाता है.....?

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